मां आपका संडे तो कभी आता ही नहीं।

हमेशा की तरह आज भी सुबह के अलार्म बजने से पहले ही शशि की आंखें खुल गयी। दोनों हाथों को रगड़ कर हथेलियों की गर्माहट को चेहरे पर लगया और फिर हाथ जोड़ कर भगवान को नए दिन के लिए शुक्रिया अदा कर अपनी दिनचर्या पर लग गयी।

देश में करोनो के प्रकोप के मद्देनज़र लोक डाउन लगा है इसलिए शशि की काम वाली और कुक दोनों ही छुट्टी पर है ।

अक्सर शशि को सुबह उठते ही पांव की एड़ियों में दर्द रहता है इसलिए वो सॉफ्ट हील वाली चप्पल पहनती है ।

“ओहो ! मेरी चप्पल कहाँ गयी ? बड़ी खोज बिन के उसे  टेबल के नीचे अपनी चप्पल मिली ।

“दूध ले आती हूँ,  चाय बनाने के लिए भी घर में दूध नहीं है “।

मुँह पर मास्क बांधे शशि दूध की दुकान से दूध और रस्ते से कुछ फल और सब्जियां भी ले आयी।

घर पहुंच कर सभी के लिए चाय बनायीं, जैसे ही चाय की एक चुस्की लेने के लिए प्याला उठाया, अंदर से शशि के पति ने आवाज लगायी

“शशि चाय ?”

“हाँ हाँ लायी “

ये लीजिये आपकी “बेड टी” , उतने मे शशि की सासु माँ ने आवाज लगायी “बहु चाय ” ।

“जी मम्मी जी लाती हूँ”, “ये लीजिये आपकी चाय और आप आराम कीजिये आपका (बी पी) कल हाई था”।

सुबह के साढ़े आठ बजते बजते घर में हलचल तेज हो गयी।

“मम्मा, मेरा फोन कहां है, मेरी ऑनलाइन क्लास का टाइम हो गया है “, शशि की चौदह बरस की बेटी सपना कमरे से चिलाती हुए बोली।

“हाँ वहीँ टेबल पर रखा है, मैंने चार्ज करने की लिए लगा दिया है” ।

 

इतने में दूसरे कमरे से आवाज़ आयी ,

“शशि मेरा हेडफोन कहां है ” कितनी बार बोला है यहाँ से मत हटाया करो”

“हाँ लाती हूँ, शायद राहुल ने हटाया होगा।”

 

तभी राहुल , शशि का सात साल का बेटा उसे पीछे से ज़ोर से एक झप्पी देता है ।

“गुड मॉर्निंग मम्मा”

“गुड मॉर्निंग मेरा बच्चा “आज तुम्हारी ऑनलाइन क्लास नहीं है?”

“है मम्मा ! थोड़ा लेट है , और मैंने अपना फोन भी चार्ज पर लगा दिया है और हेडफोन भी ढूंढ लिया है “ राहुल चुटकी लेते हुए बोला।

 

शशि पुरे घर की सफाई में जुट जाती है , अब चुकीं झाड़ू पोछे की आदत नहीं रही तो अब थकान थोड़ा ज़्यादा ही हो जाती है।

घर के सरे लोग मीटिंग और ऑनलाइन क्लास ख़तम करके बैठते है “अरे रामायण शुरू हो गया होगा टी वी” ऑन करो,  जल्दी !”

शशि को भी रामायण देखने का बहुत शौक है पर उसने सोचा रामायण देखूंगी तो एक डेढ़ घंटा ऐसे ही बीत जायेगा, तब तक कुछ काम निपटा लेती हूँ।

तो जनाब यहाँ पूरा घर रामायण देखने में लगा था और वहां शशि सारी बिखरी चीजे समेट कर झाड़ू लगाने लगी ।

“अरे मम्मा, टी वी के सामने से हटो ना!” 

“ओह सॉरी सॉरी !”

 

झाड़ू लगाते वक़्त शशि को याद आया “ओहो अभी तो मशीन के गीले कपडे भी सुखाने है , अभी धुप में डाल दूंगी तो शाम तक सुख जायेंगे, वरना सब कपडे मांगने भी मुझसे ही आएंगे।

कपड़ो की बाल्टी भारी थी , “सुनिए ज़रा बाल्टी छत पर पंहुचा दीजिये .. सुनिए ना !!”

पर जनाब यहाँ तो टीवी पर लंका दहन चल रहा था, मजाल है कोई सोफे से टस से मस भी हो जाये ।

 

बेचारी शशि किसी से आस ना लगाए खुद ही बाल्टी लिए छत पर चढ़ने लगी।

“ओह माँ !” छत से कपडे सूखा कर शशि थोड़ा सुकून लेने सोफे पर बैठी।

 

“अरे आराम का टाइम नहीं है शशि, अभी नाश्ता भी बनाना है “ शशि ने मन में सोचा .

“अरे आज नाश्ता क्या बनाऊ ?” शशि ने किचन जाते जाते पुछा

“मम्मा.. डोसा !!

“मम्मा … आलू पूरी !!

“शशि …पनीर परांठा !!

घर के चारो कोनो से जवाब आया …

“अरे!! कुक आंटी नहीं आती, पता है ना, इतना सब में टाइम लगेगा”  कहते कहते शशि किचन में घुसी तो नज़र सिंक में रखे रात के बर्तनो पर पड़ी ..

दरसल बीती रात शशि के पांव का दर्द बढ़ गया था इसलिए वो रात के बर्तन नहीं धो पायी थी।

“हे भगवान! अभी तो जूठे बरतन भी धोने है !” 

किसी तरह शशि ने सबके लिए नाश्ता तैयार किया ।

सब नाश्ता करने लगे।

“बहु, तुम भी नाश्ता करलो”, “मम्मी मे पूजा करके खाउंगी, बस पोछा ही लगाना है ” ।

 

“सुनिए ज़रा मदद करिये ना ..” शशि ने बड़ी आस लगा के पति से कहा।

“अरे खड़े होकर डंडे से ही तो लगाना है पोछा,  कौन सा मेहनत वाला काम है, ”  शशि का पति झट से बोला ।

“इसलिए तो आपसे कह रही हूँ, तब तक मे नाश्ते के बर्तन धो लुंगी “।

 

“अरे यार! ये सब मुझसे नहीं होता, और वैसे भी थोड़ी देर में मेरी एक मीटिंग है कोई डिस्टर्ब मत करना एक घंटे”।

“अरे शशि, थोड़ी एक कप कड़क चाय मिल जाती तो मज़ा आ जाता ” …अपने कमरे में जाते जाते पति देव आर्डर दे गए ।

“मम्मा मेरी ऑनलाइन क्लास शुरू होने वाली है एक बोतल पानी दे दो ना “ दूसरे कमरे से बिटिया ने भी आर्डर दे दिया।

शशि एक लम्बी सांस लेते हुए बोली “हम्म… लाती हूँ “

पोछा करते करते उसकी नज़र बगीचे में मुरझाये पौधों पर पड़ी।

“अरे तुम्हे कैसे भूल गयी, अभी डालती हूँ पानी “ शशि को गार्डनिंग बहुत पसंद है , उसने अपने घर के हर एक पौधे को अपने बच्चो की तरह ही पाला है ।

सब करते करते अब दोपहर के दो बज गए थे,चूंकि शशि बिना पूजा किये खाना नहीं खाती तो बेचारी अब तक भूखी थी।

 

“दो बज गए “??? शशि अभी थक के बैठी ही थी.. “मेरे भगवान को भी कुछ भोग नहीं लगा अब तक “ इतना कहते ही शशि की आंखें भर आयी।

हिम्मत जुटा शशि जल्दबाज़ी में खड़ी हुई की इतने में उसका पांव सेंटर टेबल के कोने से टकरा गया। अब तो जैसे उसकी सहनशक्ति का बांध टूट गया हो। नीचे जमीन पर अपना पाँव पकडे शशि रोने लगी।

तभी उसका पति मीटिंग ख़तम कर कमरे से बहार आया ।

” शशि आज शाम को मोमोस बनाना “ पर जैसे ही उसने शशि को जमीन पर बैठ रोता देखा वो दौड़ के उसके पास गया।

“अरे क्या हुआ ” ये चोट कैसे लगी ” सपना ज़रा मूव लाना “

पति की आवाज सुन कर सासु माँ और बेटी भी कमरे से बाहर आये, “क्या हुआ?? “

 

इन सब के बीच थोड़ी देर बाद शशि का छोटा बेटा राहुल भी कमरे से ऑनलाइन क्लास ख़तम करके बाहर आया।

“मम्मा -मम्मा ये कार्ड मैंने आपके लिए बनाया है “

शशि ने बेटे को हलकी से मुस्कान देते हुए बोला “पर आज मदर्स डे नहीं है बेटा “

इस पर राहुल बोला “हाँ मम्मा मुझे पता है , पर आज “लेबर डे” है।

सुबह से आप अकेले ही मैड, कुक, क्लीनर और माली भइया का काम कर रही हो। पापा आप घर के कामो मे मम्मी की मदद क्यु नही करते?नन्हे बच्चे की मासूमियत पर शशि तो हस कर रह गई पर घरवालों की नज़रों में शर्मिंदगी आ गई।

दोस्तों लॉक डाउन में आप सभी पर घर के सभी कामो का बोझ एक साथ पड़ गया होगा, ऐसे में ज़रूरी है की आप जोश के साथ होश से भी काम करे :

१) घर के छोटे मोटे कामो को परिवार के अन्य सदस्यों में बाटा जा सकता है जैसे : प्याज़ लहसुन छीलना, पौधों को पानी देना, कपडे तह लगाना, बिखरा सामान जगह पर लगाना …वगैरह वगैरह ।

२) ये हमेशा ध्यान रखे की शरीर में पानी की कमी ना होने पाए। इसलिए आप एक बोतल अपने लिए अलग रख सकती है, निश्चय कीजिये की आपको दिन भर में कम से कम २ से ३ बोतल पानी पीना है । अलग बोतल रखने से आपको अनुमान रहेगा की आपने कितना पानी पिया।

३)काम की धुन में आराम करना ना भूले , एक छोटा पावर नैप आपको फिर से तरोताजा कर देगा।

४) जरुरी कामो को पहले निपटाए, अगर कुछ काम बाद के लिए टाले जा सकते है तो थोड़ा आराम करके उन्हें निपटाए ।

५) अगर आप गाना सुनने के शौकीन है तो काम करते समय थोड़ा म्यूजिक सुनना एक अच्छा ऑप्शन है , इससे आपका मूड फ्रेश रहेगा।

ध्यान रहे की आप अपने घर के (बैक -बोन) है इसलिए आपका स्वस्थ्य रहना सबके लिए बहुत ज़रूरी है ।

अपना ध्यान रखे और स्वस्थ्य रहे।

अगर आपको मेरा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो कमेंट बॉक्स में लिख कर मुझे जरूर बतायें।

 

Disclaimer: This blog was originally posted on Momspresso.com. This is a personal blog. Any views or opinions represented in this blog are personal and belong solely to the blog owner.

About The Author

Rama Dubey

I am a Communication Professional with more than 13 years of rich experience in Public relations, Media management, Marketing and Brand promotion.  Currently working as a Head- communication for an IT firm.

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