घर की मुर्गी या बटर चिकन !

फोन में मैसेज की घंटी बजी, उठा कर देखा तो मेरी एक फ्रेंड ने ब्लॉग लिखना शुरू किया था, बड़ी ख़ुशी हुई।

इससे पहले भी ब्लोग्स पढ़ती थी पर कभी लिखने का सोचा नहीं था, आज मन हुआ चलो क्यों न हम भी ब्लोग्स लिखे , बस फिर क्या था कर दिया श्री गणेश।

प्रोफाइल बनाया, एक अच्छी सी फोटो भी अपलोड कर दी।

हम्म … अब बस राइटर वाली फील आनी बाकि थी। तो जनाब वो कसर भी पूरी कर ली, दराज़ में रखा चश्मा निकाल कर लगा लिया ।

सुना था राइटर लोग थोड़ा शांत गंभीर मिज़ाज़ भी होते है, इसलिए फील देने की लिए उस दिन सब से बातचीत भी बंद कर दी।

 

इतने में पति देव पूछ बैठे  “आज नाश्ता क्या बनाओगी ?

“अब भला मैं एक राइटर क्यों जवाब देने लगी… गर्दन थोड़ी ऊँची कर एक नज़र देख लिया।

बेचारे पति मुँह निहारते रह गए, उन्हें तो ये पता भी नहीं था यहाँ अभी अभी एक नया राइटर जन्म ले चुका था।

 

खैर प्रोफाइल बन गया, राइटर वाली फील भी आ गयी, अब लिखू किस टॉपिक पर ??

बड़ा दिमाग लगाया ऐसा क्या लिखू की रीडर्स को पसंद आये।

हम्म्म ….कुछ ऐसा जो उनके आँखों में आसु ले आए, जो उनको उनकी खुद की कहानी लगे ??

 

पीछे से पति देव फिर प्रकट हो बोले “सास – बहु” का झगड़ा बड़ा ट्रेंड में है आजकल!!!

 

हम्म ..बात तो सही कह रहे हो पर मेरी सासु माँ तो “गाय ” है। कभी झगड़ा करती ही नहीं।

 

वैसे ” देवरानी- जेठानी” , “ननद- भाभी”  भी काफी चलता है, पति देव का दूसरा सुझाव आया।

येलो… मैं तो यहाँ भी मात खा गई। मेरे तो सभी लोग अच्छे है..बस यु समझ लो दोस्त ही हैं मेरे।

 

“फिर तो तुम रहने ही दो ” पति देव बोल पड़े ।

उस दिन पता चला की मेरी लाइफ में तो “सास बहु” “देवरानी जेठानी” नाम का कोई एंटरटेनमेंट था ही नहीं।

 

कुछ रोमेंटिक लव स्टोरी लिखू क्या ??

तभी मेरी नज़र सामने बैठे, ऑफिस का काम रहे अपने पति देव पर पड़ी।

शॉर्ट्स और बनियान पहने मेरे पतिदेव जिन्होंने एक हफ्ते से शेव भी नहीं की थी.. और एक मैं जिसे दो महीने से आईब्रो और अप्परलिप्स तक कराने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ था। भला ऐसे माहौल में रोमेंटिक फीलिंग कहाँ से आती। तो ये वाला ऑप्शन भी कैंसिल।

 

सुबह से इतना दिमाग खपा चुकी थी की जब किचन में पहुंची तो लगा मानो सिंक में पड़े जुठे बर्तन कह रहे हो ” बहन हम पर ही लिख लो ब्लॉग.. सुबह से जुठे पड़े है कोई धोने वाला नहीं “।

ओहो!! अभी तो घर का सारा काम पड़ा है। फिर क्या था राइटर वाला फील उतर गया और कामवाली मोड़ ऑन हो गया।

सारा काम निपटा के दोपहर में कुछ लिखने बैठी ज़रा कलम उठाई ही थी कि मेरी चार बरस की बिटिया ने बाथरूम से आवाज लगाई

“मम्मा.. हो गई”

“नहीं बेटा, अभी कहां, अभी तो लिखना शुरू ही किया है।”

बिटिया के दूसरे बुलावे पर याद आया की , अरे ये बुलावा तो किसी और काम के लिए था। “हां बेटा, आती हूं।”

किसी तरह एक टॉपिक मिला और उसपर लिखना शुरू भी किया।

अगले दिन मेरा ब्लॉग पब्लिश भी हो गया और देखते ही देखते उसे 3 हजार से ज़्यादा लोगो ने पढ़ भी लिया।

 

आहा !! आज पहली बार ऐसा लगा मानो “घर की मुर्गी अब बटर चिकन बन गई हो”।

 

फिर क्या अब तो जनाब पति के हर एक सवाल को मेरे 4 जवाब मिलने लगे, वो भी बेतुके लोजिक के साथ। जवाब मिले भी क्यों ना नयी नयी ही सही राइटर बन गई थी अब मैं ।

हमेशा की तरह आज भी नीचे दूध लेने गई तो ऐसा लगा मानो दूध वाले भैया कुछ कहना चाह रहे थे,

हम्म…”शायद मेरा ब्लॉग पढ़ा होगा”, मैंने भी हल्की सी मुस्कान दे कर गर्दन हिलाई जैसे मन ही मन कह रहीं हूँ की  “ऑटोग्राफ बाद मे दूंगी”।पीछे से भैया बोल पड़े,”मैडम दूध का बिल तो लेती जाओ”।ओह! “दूध का बिल”!!!

घर पहुंची तब तक दुनिया मेरा ब्लॉग पढ़ चुकी थी। और दोस्तों रिश्तेदारों के फेसबुक वॉट्सएप पर मैसेज भी आने लगे थे ।

एक फ्रेंड ने लिखा “यार तू तो बड़ी इंटेलिजेंट निकली।”

अब मै सुबह से इसी सोच में डूबी हूं कि साला ये तारीफ कर गई या बेज्जती।

 

कुछ भी कहो पर ब्लॉगर वाली फीलिंग बड़ी अच्छी सी लग रही थी।

बस एक बात का ही मलाल रह गया कि अगर ये ब्लॉगर बनने का चस्का लोक डाउन के बाद चढ़ता तो शायद ज्यादा ठीक होता। अभी ये चस्का थोड़ा महंगा पड़ जाता है।

खैर, अपने सभी रीडर्स को बताना चाहूंगी कि घर का सारा काम निपटा कर बच्चो और बाकी घर वालो की वर्माइशे पूरी करने के बाद जो थोड़ा आराम करने का टाईम हम लोगो को मिलता है बस आप यूं समझ लीजिए उसी खाली समय में हम अपने ख्यालों को अक्षरों में पिरो देते हैं और जो अंत में आप तक पहुंचता है।

इसलिए हर एक ब्लॉगर के लिए मेरी नज़रों में इज़्ज़त थोड़ी ज़्यादा बढ़ जाती है। अपना लिखने का हुनर और जज़्बा कायम रखे और कोरोना की इस मुश्किल घडी में सुरक्षित रहे ।

 

अगर आपको मेरा ये ब्लॉग पसंद आया हो तो मुझे कमेंट करके बताये।

 

Disclaimer: This blog was originally posted on Momspresso.com. This is a personal blog. Any views or opinions represented in this blog are personal and belong solely to the blog owner.

 

About The Author

Rama Dubey

I am a Communication Professional with more than 13 years of rich experience in Public relations, Media management, Marketing and Brand promotion.  Currently working as a Head- communication for an IT firm.

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