बात उन दिनों की है जब गौरी और समर कॉलेज में एक साथ पढ़ते थे। समर और गौरी एक दूसरे को बहुत पसंद करते थे। दोनों में नज़दीकियां बढ़ती गईं और दोनों को एक दूसरे से बेइंतहां प्यार हो गया।
एक दिन गौरी के घरवालों को कहीं से गौरी और समर के रिश्ते के बारे में भनक पड़ गयी। फिर क्या था उस दिन गौरी के घर बड़ा कलेश हुआ। गौरी ने हिम्मत कर अपने पिता जी को सब सच बताया कि वो दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं।
गौरी के पिता को ये रिश्ता स्वीकार न था , उन्होंने गौरी को उसका घर या समर में से किसी एक को चुनने को कहा। जिस पर गौरी ने समर को चुना। इस बात से गुस्साए गौरी के पिता जी ने उसे उसी समय, उसी हाल में घर से निकाल दिया और उससे दुबारा घर की चौखट न लांघने की कसम दे डाली।
इधर समर के घर वालों को भी ये रिश्ता नामंजूर था।
इसलिए समर और गौरी को अपना घर छोड़ना पड़ा। अगले ही दिन दोनों ने मंदिर में शादी कर ली।समर की दूर की बुआ ने दोनों की मदद की और कुछ दिन दोनों को अपने ही घर रखा।
कुछ ही हफ्तों में दोनों ने अपना खुद का एक कमरा किराये पर ले लिया । अब गौरी और समर ने अपना छोटा सा नया आशियाना बसा लिया था। दोनों ने नौकरी भी करनी शुरू कर दी थी। उनके ऑफिस भी आस पास ही थी तो , तो दोनों साथ ही आते ,जाते और लंच भी साथ ही करते। बड़ी हसी ख़ुशी से दोनों अपनी जिंदगी के सबसे हसीन पलों को जी रहे थे।
तभी एक दिन समर के छोटे भाई का फोन आया, उसने बताया की समर के पिता जी उससे मिलना चाहते है। समर के घरवालों ने उन दोनों का रिश्ता अपना लिया था और अब दोनों को अपने ही साथ रहने की लिए वापस बुला लिया था। घरवालों ने अपनी तसल्ली और समाज के लिए उन दोनों की पूरे रीती रिवाजो की साथ फिर से शादी करवाई और एक शानदार रिसेप्शन भी रखा।
उस दिन स्टेज पर बैठी गौरी की आँखें किसी को ढूंढ रही थी। उसे उम्मीद थी की उसके घर वाले भी उसे माफ़ कर देंगे और शायद दोनों को आशीर्वाद देने वहां जरूर आएंगे। पर ऐसा कुछ न हुआ ।अब गौरी समझ चुकी थी की समर ही उसकी दुनिया है।
दोनों की शादी को आज 5 साल पुरे हो गए थे।और दोनों ही अच्छी जगह नौकरी करते थे।
पर आज शाम को समर तिलमिलाया हुआ घर लौटा:
“ये कंपनी हम एम्प्लाइज को समझती क्या है, नौकर नहीं हु मैं किसी का।”
“छोड़ दी नौकरी आज।”
“नौकरी छोड़ दी ?? पर …..”?? गौरी हैरान हो बोली..
“हाँ अब कुछ नया करना चाहता हूँ , मै अपनी ज़िन्दगी खुल के जीना चाहता हूँ, मैं किसी बंदिश में नहीं रह सकता…” समर बोला।
आज ही समर के एक फ्रेंड ने एक कपड़ो का शॉप खोला था और समर को शॉप की देखभाल करने की लिए पुछा था, जिसपर समर ने हाँ कर दी। 35000 की नौकरी छोड़, समर ने महज 5000 में उस शॉप में नौकरी शुरू कर दी।
समर को यह नौकरी करते आज तीन महीने बीत चुके है । और घर के सारे खर्चो की जिम्मेदारी अब गौरी के कन्धों पर आ गयी थी।
एक दिन गौरी ने समर से कहा :
समर, हमारे खर्चे बढ़ते जा रहे है, पर आमदनी उतनी ही है।
पापा को घर बनवाने के लिए तुमने जो पर्सनल लोन लिया था उसकी क़िस्त , तुम्हारे नए फोन की क़िस्त, गाड़ी की क़िस्त और घर खर्ज जो हर महीने देते है माँ को, वो अलग। मेरी सैलरी इन सब की लिए कम पड़ जाती है।
समर अपने फोन पर वाट्सएप्प के मैसेज देख मुस्कुरा कर किसी से चैट कर रहा था ।
गौरी ने समर को हिलाते हुए पुछा : “सुन रहे हो मैंने क्या कहा” ??
उतने में समर के हाथ से उसका मोबाइल फोन गिर गया, गौरी ने फोन उठा कर देखा तो वो किसी लड़की से बात कर रहा था।
समर ने अपना फोन झट से छीन लिया और डाट कर बोला : “ख़बरदार जो आज के बाद मेरे फोन को हाथ भी लगाया …”
एक रोज़ ऑफिस जाते समय गौरी की नज़र समर के कार की फ्रंट सीट पर पड़ी, उस पर कानों का एक झुमका गिरा था जो गौरी का नहीं था। उस दिन से गौरी ने समर पर नज़र रखनी शुरू की तो पता चला की उसका किसी और लड़की के साथ अफेयर चल रहा था ।
आज गौरी टूट सी गयी थी, उसने सपने में भी नहीं सोचा था की जिसके लिए वो अपनी पूरी दुनिया पीछे छोड़ कर आएगी, आज वो ही उसे धोखा देगा।
अब तो गौरी समर की रोज़ झगडे होने लगे। समर बात बात पर गौरी को डटता और कई बार हाथ तक उठा देता। जब कभी समर को पैसों की जरुरत पड़ती तो कभी प्यार से तो कभी जबरन ले लेता। यहाँ तक की गौरी का एटीएम कार्ड भी समर ने अपने पास रख लिया था।
गौरी समर से इतना प्यार करती थी की इन सबके बावजूद, उसे उम्मीद थी की, आज नहीं तो कल समर सुधर जायेगा।
पर गौरी का वो कल कभी आया ही नहीं।
आज गौरी और समर के इस अधूरे रिश्ते को एक साल बीत चुके थे। अब गौरी ही समर का सारा खर्चा उठाती थी और समर अपनी जिंदगी में मस्त था।
ऐसा कोई मंदिर, ऐसे कोई भगवान अब नहीं बचे थे जिनके आगे गौरी ने समर को वापस पाने की दुआ ना मांगी हो। पर समर का बर्ताव तो अब बत से बत्तर हो गया था। समर शायद खुद भी समझ नहीं पा रहा था की गौरी की उसकी ज़िन्दगी में क्या जगह थी ” एक पत्नी , एक प्रेमिका या पैसो की एक ATM मशीन।
आज समर ने गौरी से बिना पूछे, बिना बताएं नयी गाड़ी खरीद ली, जिसकी किस्ते अब गौरी को भरनी थी । गौरी समझ नहीं पा रही थी की उसकी जिंदगी में आया ये तूफान कब शांत होगा। वो अब अपनी आँखों के सामने अपने पति को किसी और से इश्क़ लड़ाते देखती और अपनी लाचारी पर खूब रोती।उसने जब अपने ससुराल वालों को ये बात बतानी चाही, तो सबने इसे उनका निजी मामला कह कर किनारा कर लिया।
कई बार उसने समर को तलाक लेने की बात भी कही, उसपर समर और भड़क जाता और फिर उसे खूब मरता। समर को डर था की अगर गौरी उसकी जिंदगी से चली गयी तो उसे पैसे कमाने वाली बीवी से भी हाथ धोना पड़ेगा।
गौरी की 25000 सैलरी पर समर अपनी मनचाही जिंदगी जी रहा था। गौरी को तो कभी कभी यकीं ही नहीं होता की ये वही समर है जो कभी उस पर जान छिड़कता था। वो अब समर से प्यार कम, उससे डरने ज्यादा लगी थी।
एक दिन गौरी के ऑफिस में उसकी सहेली मीरा रोते हुए आयी, और बताया की कुछ लड़के रोज़ रस्ते में उसे छेड़ते है। गौरी ने मीरा को समझाया :
“मीरा ये दुनिया ऐसी ही है, डरने वालो को और डराती है, तू हिम्मत दिखा और सामना कर,फिर किसी की हिम्मत नहीं होगी तुझ पर बुरी नज़र डालने की “।
ये बात सुन कर मीरा तो शांत हो कर वहां से चली गयी पर गौरी सोच में पड़ गयी। पूरा दिन वो मीरा से कही, अपनी ही बात सोचती रही।
रात के करीब 12 बजे आज समर शराब के नशे में घर लौटा ।
गौरी ने समर की शर्ट पर लिपस्टिक का निशान देखा, और फिर उसे अनदेखा कर वहां से जाने लगी। वो फिर से घर में कलह नहीं चाहती थी।
समर ने कमरे में आते ही गौरी से अपनी नयी गाड़ी की क़िस्त भरने की बात पूछी, जिस पर गौरी बोली :
“आज ऑफिस में काम ज़्यादा था, कल भर दूंगी ” ।
बस फिर क्या था समर गुस्से से आग बबूला हो गया और गौरी को खरी कोटी सुनाने लगा। जब गौरी उसकी बात को अनसुना कर के वहां से जाने लगी तो पीछे से समर ने गौरी का हाथ पकड़ कर उसे ज़ोर से एक थप्पड़ मारा और पास में रखी हॉकी उठायी।
समर के हाथो में हॉकी देख गौरी ने उसके हाथ की हॉकी पकड़ ली । गौरी वैसे तो दुबली पतली थी पर उस वक़्त समर गौरी के हाथ से हॉकी छुड़ा नहीं पाया। गौरी की आंखें गुस्से से लाल हो चुकी थी। फिर उसने समर के हाथ से हॉकी झटक कर नीचे फेक दी।
गुस्से ने तिलमिलाया समर गौरी को मारने के लिए जैसे ही बढ़ा तो गौरी ने उसे ऊँगली दिखाते हुए बोला :
“बस समर बस ” ,”अब और नहीं “।
“अब आज के बाद तुमने मुझ पर एक बार भी हाथ उठाया तो मैं तुम्हारा वो हाल करुँगी, की तुम सोच भी नहीं सकते।”
गौरी के आवाज की गड़गड़ाहट से समर हैरान हो गया था।
“तुम्हे क्या लगा मै तुमसे डर कर अब तक ये सब सहती आ रही थी ?”
“नहीं ”
“मैंने तुमसे प्यार किया था समर, इसलिए एक आस थी की तुम सुधर जाओगे “, “पर अब बस ”
“तू रुक, बहुत बोलना सिख गई है, अभी तुझे बताता हूँ” , समर ज़ोर से चिलाया, और चिलता भी क्यों न, आज उसकी मर्दानगी को ढेस जो पहुंची थी।
इतने मे बाकि घरवाले भी अपने अपने कमरों से बाहर निकल आए। जैसे ही समर गौरी को मारने की लिए फिर से बढ़ा, गौरी ने ज़ोर से कहा :
“ख़बरदार जो तुमने मुझे हाथ भी लगाया, जिंदगी बर्बाद कर दूंगी तुम्हारी…बहुत सह लिया|”
अब तक मैं पति पत्नी के रिश्ते का लिहाज करती आयी थी..पर पति का दर्जा तो तुमने उसी दिन खो दिया था, जब तुमने मुझपर पहली बार हाथ उठाया था… और आज तो तुम मेरी नज़रों से भी गिर गए हो।
जा रहीं हूँ, तुम्हारा घर छोड़ कर हिम्मत है तो रोक कर दिखाओ|
इतना कह कर गौरी ने सबके सामने अपना कुछ सामान लिया ओर वहां से चली गयी। घर के सभी लोग बुत बने खड़े रहे।
समर और उसके घरवालों ने गौरी का ये रूप आज पहली बार देखा था और देखें भी क्यों न आज गौरी दुर्गा जो बन गयी थी। आज इस बात को दो महीने बीत चुके हैं। अब गौरी एक पीजी में शांति और सुकून से अपनी जिंदगी जीती है। और अपनी खुद की सैलरी से अपना ख्याल खुद रखती हैं।
उधर अब समर को भी अपनी पुरानी बातों पर पछतावा था और वो अब अपनी जिंदगी में गौरी की अहमियत समझ चुका था। पर वो गौरी को अब जबरदस्ती से नहीं बल्कि उसका दिल फिर से जीत कर उसका साथ पाना चाहता था।
दोस्तों, एक रिश्ते को निभाने के लिए हर किसी को एडजस्टमेंट और बदलाव करने पड़ते है, लेकिन कुछ चीजे ऐसी भी है जो आपको कभी भी अपने रिश्ते पर कुर्बान नहीं करनी चाहिए और वो है “आत्म सम्मान”!
पति पत्नी का रिश्ता प्यार, विश्वास और एक दूसरे के मान सम्मान पर टिका होता है। जहाँ पति पत्नी एक दूसरे की इज़्ज़त नहीं करते वहां प्यार नहीं बल्कि एक समझौता होता है और समझौते की बुनियाद पर खड़ा रिश्ता कभी भी फल फूल नहीं सकता।
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I am a Communication Professional with more than 13 years of rich experience in Public relations, Media management, Marketing and Brand promotion. Currently working as a Head- communication for an IT firm.
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Rama Dubey
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