पड़ाव (अर्धांगनी रूप): ऐसा नहीं था की मैं आज पहली बार कोई ब्लॉग लिखने जा रही थी, पर आज जब हमारे रिश्ते पर कुछ लिखने की बारी आयी तो मैं शायद थोड़ा नर्वस हो रही हूँ। मन में कई सवाल उठ रहें हैं की पता नहीं हमारे बारह साल के इस सफर को मैं अल्फ़ाज़... "रवि ज़रा रुको ! नाश्ता तो करो " सुरभि नाश्ते की प्लेट उठाते हुए बोली। "सुरभि अभी नहीं, आज एक अर्जेंट मीटिंग के लिए ऑफिस जाना है, लेट हो रहा हूँ"। "हाँ, पर अभी तो कोरोना में सब घर से ही काम कर रहे है फिर ..." कहते कहते सुरभि रवि को दरवाजे तक छोड़ने... आज पड़ोस में कुछ ज़्यादा ही हलचल थी। पास के घर में रह रही ६ साल की गुनगुन आज बड़ी खुश दिख रही थी। मैंने पुछा तो गुनगुन की माँ ने बताया की वो लोग गुनगुन के दादा दादी के पास गांव जा रहे है। पीछे से छोटी गुनगुन बोली "आंटी हम लोग ट्रैन से... आज मेरी प्रेगनेंसी का नवां महीना पूरा होने को था, और अब किसी भी पल ख़ुशख़बरी मिल सकती थी।अगले दिन डॉक्टर से चेकअप करवाने पहुंचे तो मैंने बताया की एक दो दिन से मुझे बच्चे की मूवमेंट कुछ कम महसूस हो रही थी। जिस पर डॉक्टर ने मुझे रिस्क ना लेते हुए ऑपरेशन करवाने की सलाह दी। अब... सुबह के अलार्म के साथ ही आंख खुली। उठते ही सबसे पहले अपने मनमोहना यानि कान्हा जी को प्रणाम किया और फिर रोज़मर्रा के कामो में लग गयी। थोड़ी ही देर में घर के सभी लोग भी उठ कर ड्राइंग रूम में आ पहुंचे। मैंने सबके लिए चाय और नाश्ता रेडी किया और अब पूरा... मेरे ब्लॉग की हैडिंग पढ़ कर आप लोग भी थोड़ा हैरान हुए होंगे की आखिर मैंने अपनी पहली सैलरी को अपने "खून पसीने की कमाई" क्यों कहा, साफ़ शब्दों में पहली सैलरी भी तो लिख सकती थी। जी हाँ, लिख सकती थी पर मेरी सैलरी वाकई में मेरी खून पसीने की ही कमाई थी। आइये... आज सुबह से ही रश्मि का मूड बड़ा अच्छा था और हो भी क्यों ना? कल रश्मि का जन्मदिन जो है। कहने को भले ही रश्मि कल 26 बरस की होने को थी पर आज भी अपना जन्मदिन पास आते ही रश्मि का वो चुलबुलापन वापस आ जाता और उसमें बचपन की वो छोटी रश्मि... कल जब बिटिया ने कॉल पर दादी को प्यारी सी आवाज में पूछा कि "दादी आप मेरे घर कब आओगी"? तब दादी का दिल पिघल गया और लॉकडाउन में ढील मिलते ही आज पास की सोसाइटी से सासु माँ का फोन आया कि कुछ देर के लिए आ रहें हैं हम। पूरी सावधानी और एहतियात के... आज लैपटॉप पर मेरे हाथ कुछ ज़्यादा ही तेज़ चल रहे थे। सारी मीटिंग्स खत्म करके और मेल्स भेज कर मुझे आज जल्दी निकलना था। दरअसल आज मेरी, मेरे होने वाले पति के साथ "पहली ऑफिशियल डेट" थी। ऑफिशियल डेट इसलिए, क्योंकि शादी तय होने के बाद की डेट पर मम्मी पापा की मंजूरी की मोहर लगी... आज सुबह ऑफिस आने में थोड़ी देर हो गयी थी। खैर, ऑफिस पहुंची और जोर से बैग पटक कर, अपना सर पकड़ते हुए मैं प्रकाश से बोली "प्रकाश, आज ज्यादा सवाल मत पूछना जितना हो सके खुद से ही काम निपटा लेना और आज कोई मीटिंग नहीं प्लीज"। आज मेरा मूड थोड़ा ज़्यादा ही अपसेट...
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