Posted by Rama Dubey | October 6, 2020 | Top Posts
यात्रा : वैशाली एक्सप्रेस

आज पड़ोस में कुछ ज़्यादा ही हलचल थी। पास के घर में रह रही ६ साल की गुनगुन आज बड़ी खुश दिख रही थी। मैंने पुछा तो गुनगुन की माँ...

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Posted by Rama Dubey | October 6, 2020 | Top Posts
मुश्किल है, मगर वक़्त ही तो है… गुज़र जाएगा।

"रवि ज़रा रुको ! नाश्ता तो करो " सुरभि नाश्ते की प्लेट उठाते हुए बोली। "सुरभि अभी नहीं, आज एक अर्जेंट मीटिंग के लिए ऑफिस जाना है, लेट हो रहा...

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Posted by Rama Dubey | September 1, 2020 | Top Posts
सात फेरो के सातों वचन

पड़ाव (अर्धांगनी रूप): ऐसा नहीं था की मैं आज पहली बार कोई ब्लॉग लिखने जा रही थी, पर आज जब हमारे रिश्ते पर कुछ लिखने की बारी आयी तो मैं...

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