आज पड़ोस में कुछ ज़्यादा ही हलचल थी। पास के घर में रह रही ६ साल की गुनगुन आज बड़ी खुश दिख रही थी। मैंने पुछा तो गुनगुन की माँ...
आज पड़ोस में कुछ ज़्यादा ही हलचल थी। पास के घर में रह रही ६ साल की गुनगुन आज बड़ी खुश दिख रही थी। मैंने पुछा तो गुनगुन की माँ...
"रवि ज़रा रुको ! नाश्ता तो करो " सुरभि नाश्ते की प्लेट उठाते हुए बोली। "सुरभि अभी नहीं, आज एक अर्जेंट मीटिंग के लिए ऑफिस जाना है, लेट हो रहा...
पड़ाव (अर्धांगनी रूप): ऐसा नहीं था की मैं आज पहली बार कोई ब्लॉग लिखने जा रही थी, पर आज जब हमारे रिश्ते पर कुछ लिखने की बारी आयी तो मैं...