बात सन 1995 की है , जब शाहरुख़ काजोल की (दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे) का सुरूर लोगों के सर चढ़ कर बोल रहा था। तिवारी जी का घर भी इससे...
बात सन 1995 की है , जब शाहरुख़ काजोल की (दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे) का सुरूर लोगों के सर चढ़ कर बोल रहा था। तिवारी जी का घर भी इससे...
संडे का दिन, मुंबई की बरसात और रेडियो पर बज रहा गाना "तुम को देखा तो ये ख्याल आया, जिंदगी धुप तुम घना साया", उतने में पूजा भी पास आ...
"आपको भी यह बात सुन कर हैरानी हुई होगी, पर हाँ मैं ना तो चाय पीती हूं और ना ही कॉफ़ी। अब तक चाय न पीने का कोई मलाल भी नहीं...
आज जब नन्हा राहुल आंखे मलता हुआ उठा तो आश्रम में सभी लोग व्यस्त थे। आज आश्रम के आंगन की साफ़ सफाई और सजावट हो रही थी। पांच साल का...
प्यारे बेटे रोहित, कैसा है बेटा ? तू खुश तो है ना परदेस में, माँ याद आती है वहाँ ? पता है रोहित, आज अचानक बड़े दिनों बाद अपनी अलमारी के दराज़ में...
"शोभा जल्दी करो, अगर देर हो गई तो शाम की आरती मिस हो जाएगी", बाथरूम का दरवाजा नॉक करते हुए अमित बोला। "हाँ हाँ बस दो मिनट| तब तक तुम...
उस दिन घड़ी की सुई शायद कुछ ज्यादा ही तेज़ चल रही थी और समय बीतता जा रहा था। दस बजे की अपॉइंटमेंट थी और अभी ढाई बजने को थे।...
दिल्ली के लक्ष्मी नगर की तंग गलियां, सड़को पर गाड़ियों का शोर और चारो तरफ खम्बों पर उलझी तारों के बीच आसमान जैसे ढक ही जाता है। यहीं अजय, अपनी...
बात उन दिनों की है जब गौरी और समर कॉलेज में एक साथ पढ़ते थे। समर और गौरी एक दूसरे को बहुत पसंद करते थे। दोनों में नज़दीकियां बढ़ती गईं...
सुहाना मौसम, हल्की हल्की ठण्ड, नवम्बर का महीना यानि परफेक्ट वेडिंग सीजन। इसी सीजन में मेरी शादी भी 29 नवंबर की फिक्स हुई थीं। शादी की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं...
साल 1996 की बात है, ब्रज किशोर शर्मा जी के यहाँ तीन बेटों के बाद, आज बेटी पैदा हुई थी। पूरा घर यहाँ तक की उनका मोहल्ला भी आज ख़ुशी...
फोन में मैसेज की घंटी बजी, उठा कर देखा तो मेरी एक फ्रेंड ने ब्लॉग लिखना शुरू किया था, बड़ी ख़ुशी हुई। इससे पहले भी ब्लोग्स पढ़ती थी पर कभी...
आज ममता को आने में थोड़ी देर हो गई। मैंने फोन लगाया तो बोली "भाभी बस दस मिनट में आई"। ममता मेरी कुक है। मेरे यहाँ वो पिछले 6 साल से...
जैसे ही बिटिया 25 बरस की हो, उसकी शादी के लिए लड़के देखने शुरू कर देने चाहिए, पता नहीं सही लड़का मिलने कितना वक्त लग जाए। कुछ ऐसा ही मानना था...
पूर्णिमा का दिन था, चांद की रोशनी जैसे सारे गांव को रोशन कर रही थी। मां बताती है तभी हुआ था मेरा जन्म, वैसे तो घर में लड़की पैदा हुई...