बात उन दिनों की है जब मेरी शादी को अभी हफ्ता दस दिन ही बीते थे कि रात को करीब दो ढाई बजे कहीं से गाने की आवाज आयी "तू जो नहीं है तो, कुछ भी नहीं है, ये माना की महफ़िल जवां है हसीं है"। अचानक मेरी आंख खुली, मारे डर के मेरी तो... आज अपनी 3 साल की बिटिया को स्कूल से लेने गई थी। स्कूल का गेट खुलने पर जब मेरी नन्ही परी दौड़ कर "मम्मा मम्मा" कह कर मेरे गले लग जाती है तब वह एहसास मानो पूरी जिंदगी को बस एक लम्हे में समेट देता है। उस रोज़ भी वही हुआ, बिटिया दौड़ कर गले लग गई और बताया... रोज़ की तरह आज भी मैं और मेरी १२ साल की बेटी गुड़िया शाम को फैक्ट्री से थके हारे घर को लौटे , फिर गुड़िया हमेशा की तरह पानी भरने चली गयी और मैं घर के काम काज में व्यस्त हो गई। आज रह रह कर मन में एक अनजाना डर सा लग रहा था,... हमेशा की तरह आज भी सुबह के अलार्म बजने से पहले ही शशि की आंखें खुल गयी। दोनों हाथों को रगड़ कर हथेलियों की गर्माहट को चेहरे पर लगया और फिर हाथ जोड़ कर भगवान को नए दिन के लिए शुक्रिया अदा कर अपनी दिनचर्या पर लग गयी। देश में करोनो के प्रकोप के मद्देनज़र... पूर्णिमा का दिन था, चांद की रोशनी जैसे सारे गांव को रोशन कर रही थी। मां बताती है तभी हुआ था मेरा जन्म, वैसे तो घर में लड़की पैदा हुई थी पर चुकीं मैं पहली औलाद थी इसलिए लड़की होने पर भी सब खुश थे। बाबा शहर में सरकारी नौकरी करते थे तो हमारा पूरा... जैसे ही बिटिया 25 बरस की हो, उसकी शादी के लिए लड़के देखने शुरू कर देने चाहिए, पता नहीं सही लड़का मिलने कितना वक्त लग जाए। कुछ ऐसा ही मानना था मेरी माँ का। और जिनकी टेंशन मेरे 25 साल पूरा होते ही बढ़ने लगी थी। मैं अच्छा भला अपनी जॉब में बिजी और खुश थी की माता... आज ममता को आने में थोड़ी देर हो गई। मैंने फोन लगाया तो बोली "भाभी बस दस मिनट में आई"। ममता मेरी कुक है। मेरे यहाँ वो पिछले 6 साल से है, उन दिनों मैं ऑफिस जाया करती थी, तो सुबह का नाश्ता और लंच बनाने का समय नहीं मिल पता था , इसलिए कुक रख... फोन में मैसेज की घंटी बजी, उठा कर देखा तो मेरी एक फ्रेंड ने ब्लॉग लिखना शुरू किया था, बड़ी ख़ुशी हुई। इससे पहले भी ब्लोग्स पढ़ती थी पर कभी लिखने का सोचा नहीं था, आज मन हुआ चलो क्यों न हम भी ब्लोग्स लिखे , बस फिर क्या था कर दिया श्री गणेश। प्रोफाइल... साल 1996 की बात है, ब्रज किशोर शर्मा जी के यहाँ तीन बेटों के बाद, आज बेटी पैदा हुई थी। पूरा घर यहाँ तक की उनका मोहल्ला भी आज ख़ुशी से झूम रहा था। ब्रज किशोर शर्मा जी, शहर के जाने माने जौहरी थे और शहर के मेन मार्किट में ही उनकी दुकान थी। वैसे... सुहाना मौसम, हल्की हल्की ठण्ड, नवम्बर का महीना यानि परफेक्ट वेडिंग सीजन। इसी सीजन में मेरी शादी भी 29 नवंबर की फिक्स हुई थीं। शादी की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं और मैं भी चांदनी चौक के चक्कर लगा लगा कर अब पूरी तरह से टैन हो चुकी थी। शादी का दिन जैसे जैसे पास आता जा रहा था,...
My Stories